'सिक्सर किंग' के नाम से मशहूर भारत के धुरंधर आलराउंडर युवराज सिंह रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में खेलने के साथ ही अभूतपूर्व रिकॉर्ड बना देंगे। वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) टूनार्मेंटों में सात फाइनल खेलने वाला पहला खिलाड़ी बनने जा रहे हैं।
युवराज इससे पहले तक ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग और श्रीलंकाई जोड़ी कुमार संगकारा तथा माहेला जयवर्धने की बराबरी पर थे जिन्होंने छह-छह बार आईसीसी टूनार्मेंटों के फाइनल खेले थे।
चैंपियंस ट्रॉफी- चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में उतरकर 300 वनडे खेलने की उपलब्धि हासिल कर चुके युवराज ने अपने करियर की शुरुआत 2000 में चैंपियंस ट्रॉफी से ही की थी। वह इस टूनार्मेंट के फाइनल में पहुंची भारतीय टीम के सदस्य थे। युवराज वर्ष 2002 में चैंपियंस ट्रॉफी में संयुक्त रूप से विजेता रही भारतीय टीम में शामिल थे।
विश्वकप- युवराज 2003 विश्वकप के फाइनल में पहुंचकर उपविजेता रही भारतीय टीम में शामिल थे। 2007 में पहले ट्वंटी-20 विश्वकप में भारत को विजेता बनाने में युवराज की अहम भूमिका रही थी। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ मैच में स्टुअर्ट ब्राड के एक ओवर में छह छक्के मारे थे।
वनडे विश्वकप- 2011 के वनडे विश्वकप में भारत की खिताबी जीत में युवराज मैन आफ द टूनार्मेंट रहे थे। उन्होंने इस टूनार्मेंट में 90.50 के औसत से 362 रन बनाये थे और 5.02 के इकोनॉमी रेट से 15 विकेट लिये थे।
ट्वंटी-20 विश्वकप- युवराज 2014 में ट्वंटी-20 विश्वकप के फाइनल तक पहुंची भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे। हालांकि उनका प्रदर्शन इस टूर्नामेंट में उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा था। मौजूदा आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में युवराज ने पाकिस्तान के खिलाफ ग्रुप मैच में शानदार मैच विजयी पारी खेली थी और मैन आफ द मैच भी बने थे।
'सिक्सर किंग' के नाम से मशहूर युवराज इस टूनार्मेंट में उतरने के साथ ही 14 आईसीसी टूनार्मेंटों में उतरने वाले पहले भारतीय बन गये थे। उन्होंने इसके साथ ही चैंपियंस ट्रॉफी में पांच बार खेलने के सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड की भी बराबरी कर ली थी।
युवराज इससे पहले तक ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग और श्रीलंकाई जोड़ी कुमार संगकारा तथा माहेला जयवर्धने की बराबरी पर थे जिन्होंने छह-छह बार आईसीसी टूनार्मेंटों के फाइनल खेले थे।
चैंपियंस ट्रॉफी- चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में उतरकर 300 वनडे खेलने की उपलब्धि हासिल कर चुके युवराज ने अपने करियर की शुरुआत 2000 में चैंपियंस ट्रॉफी से ही की थी। वह इस टूनार्मेंट के फाइनल में पहुंची भारतीय टीम के सदस्य थे। युवराज वर्ष 2002 में चैंपियंस ट्रॉफी में संयुक्त रूप से विजेता रही भारतीय टीम में शामिल थे।
विश्वकप- युवराज 2003 विश्वकप के फाइनल में पहुंचकर उपविजेता रही भारतीय टीम में शामिल थे। 2007 में पहले ट्वंटी-20 विश्वकप में भारत को विजेता बनाने में युवराज की अहम भूमिका रही थी। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ मैच में स्टुअर्ट ब्राड के एक ओवर में छह छक्के मारे थे।
वनडे विश्वकप- 2011 के वनडे विश्वकप में भारत की खिताबी जीत में युवराज मैन आफ द टूनार्मेंट रहे थे। उन्होंने इस टूनार्मेंट में 90.50 के औसत से 362 रन बनाये थे और 5.02 के इकोनॉमी रेट से 15 विकेट लिये थे।
ट्वंटी-20 विश्वकप- युवराज 2014 में ट्वंटी-20 विश्वकप के फाइनल तक पहुंची भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे। हालांकि उनका प्रदर्शन इस टूर्नामेंट में उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा था। मौजूदा आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में युवराज ने पाकिस्तान के खिलाफ ग्रुप मैच में शानदार मैच विजयी पारी खेली थी और मैन आफ द मैच भी बने थे।
'सिक्सर किंग' के नाम से मशहूर युवराज इस टूनार्मेंट में उतरने के साथ ही 14 आईसीसी टूनार्मेंटों में उतरने वाले पहले भारतीय बन गये थे। उन्होंने इसके साथ ही चैंपियंस ट्रॉफी में पांच बार खेलने के सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड की भी बराबरी कर ली थी।
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