‪‪Indian Air Force‬, ‪Jammu and Kashmir‬, ‪Bipin Rawat‬, ‪Indian Army ''जम्मू-कश्मीर में रेड जॉन बनाकर आतंकियों पर किए जाएं हवाई हमले''

''जम्मू-कश्मीर में रेड जॉन बनाकर आतंकियों पर किए जाएं हवाई हमले''
भारतीय वायुसेना के पूर्व एयर चीफ मार्शल पीवी नाइक ने जम्मू कश्मीर में राज्‍य सीमावर्ती इलाकों में रेड जॉन बनाकर हवाई हमला कर आतंकियों को ठिकाने लगाने का बयान देकर एक बार फिर इस मुद्दे को हवा देने की कोशिश की है। इसके अलावा उन्‍होंने राज्‍य में राष्‍ट्रपति शासन लगाने की भी जबरदस्‍त वकालत की है। 
उनका कहना है कि वक्‍त आ गया है कि जब सरकार को इस मुद्दे पर ठोस फैसले लेने पड़ेंगे। इसके अलावा उन्‍होंने राज्‍य में विशेष दस्‍तों की तैनाती का विकल्‍प भी सरकार को दिया है। नाइक ने एक इंटरव्‍यू के दौरान कहीं न कहीं राज्‍य सरकार पर भी अंगुली उठाई है।

पीएम के विदेश दौरे के समय आया बयान

नाइक का यह बयान ऐसे समय में आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ एक ही मंच पर अस्‍ताना में मौजूद थे। इस मंच पर पीएम मोदी ने आतंकवाद पर दोहरा रुख न अपनाने की भी बात दोहराई थी। 
गौरतलब है कि कुछ वक्‍त पहले ही मौजूदा थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आतंकियों के खिलाफ सख्‍ती से निपटने की बात कही थी। एक इंटरव्‍यू में उन्‍होंने कहा था कि जब जवानों पर पत्‍थर और पेट्रोल बम बरस रहे हों तो वह जवानों से खामोशी से खड़े रहने के लिए नहीं कह सकते हैं। उन्‍होंनें यह भी कहा था कि यह एक छद्म युद्ध है और छद्म युद्ध एक घृणित युद्ध है।

यह तो युद्ध में खुद को झोंकने जैसा: काक

नाइक के इस बयान का समर्थन रिटायर्ड एयर वाइस मार्शल कपिल काक नहीं करते हैं। उनके मुताबिक, नाइक का बयान पर अमल करना अपने को युद्ध में झोंकने जैसा है। इसके पीछे वह यह वजह बताते हैं कि नाइक के बयान में यह नहीं बताया गया है कि यह दस किमी का एरिया पाकिस्‍तान में होगा या भारत में होगा। यदि भारत के दस किमी अंदर तक रेड जॉन बनाकर हवाई हमले किए गए तो इसमें आम नागरिकों के जानमाल की हानि होगी जिसे किसी भी सूरत से सही नहीं कहा जा सकता है। 
इसके अलावा यदि यह इलाका पाकिस्‍तान में होगा तो वहां हवाई हमला कर युद्ध की खुल्‍लमखुल्‍ला शुरुआत करना होगा। जिसमें कोई फायदा नहीं है। काक का कहना है कि विकास और आपसी बातचीत के माध्‍यम से वहां की समस्‍या का समाधान करना ज्‍यादा सही है। उन्‍होंने यह भी कहा कि नाइक के बयान के मुताबिक यदि जम्‍मू कश्‍मीर में कार्रवाई की गई तो वहां पर जान-माल का काफी नुकसान होगा।

इस वर्ष घुसपैठ की 22 कोशिशें नाकाम

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में 2016 से आतंकवाद विरोधी अभियानों में 59 सैन्यकर्मी शहीद हुए हैं। इस साल घुसपैठ के 22 प्रयासों को नाकाम किया गया और नियंत्रण रेखा पर 34 सशस्त्र घुसपैठिए मारे गए हैं। सेना लगातार राज्‍य में आतंकियों की घुसपैठ को रोकने और उन्‍हें मार गिराने के लिए अपने ऑपरेशन को अंजाम दे रही है।
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