दस साल बाद आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में भिड़ेंगे भारत-पाक

दस साल बाद आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में भिड़ेंगे भारत-पाक
भारत और पाकिस्तान के बीच रविवार को आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी का महा फाइनल मुकाबला होगा।  यह दस साल बाद पहला मौका होगा जब दोनों टीम आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में एक-दूसरे से भिड़ेगी। इससे पहले भारत-पाक टीमें  2007 के आईसीसी टी-20 विश्व कप के फाइनल में एक दूसरे से भिड़ चुकी है। यह मुकाबला भारत ने अपने नाम कर टी-20 का पहला विश्वकप जीता था।
वैसे दोनों ही टीमें आईसीसी के 50 ओवर के क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में पहली बार एक-दूसरे का सामना करेगी। अच्छा प्रदर्शन कर रही भारतीय टीम फाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से खेलेगी तो सरहद के दोनों पार वक्त मानों थम जाएगा और दर्शको रोमांचक मुकाबले की सौगात मिलेगी।
दोनों देशों के बीच मौजूदा राजनीतिक तनाव ने क्रिकेट की इस जंग को और रोमांचक बना दिया है। द्विपक्षीय क्रिकेट को भारत सरकार से अनुमति नहीं मिलने के कारण दोनों टीमें सिर्फ आईसीसी टूर्नामेंटों में एक-दूसरे के खिलाफ खेलती हैं।
गत चैम्पियन भारत ने टूर्नामेंट के पहले मैच में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी । कप्तान विराट कोहली पहले ही कह चुके हैं कि वही नतीजा फिर हासिल करने के लिए कुछ अतिरिक्त करने की जरूरत नहीं है। उस मैच के बाद हालांकि पाकिस्तान ने अपने प्रदर्शन में जबर्दस्त सुधार किया है।
वैसे भी यह मुकाबला सिर्फ क्रिकेट कौशल का नहीं बल्कि दबाव को झेलने का भी होगा और इसमें मानसिक दृढ़ता की अहम भूमिका होगी। चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर जावेद मियांदाद का छक्का बरसों तक भारतीय क्रिकेटरों को कचोटता रहा जब तक कि सचिन तेंदुलकर ने सेंचुरियन में वह यादगार पारी खेलकर उसका बदला चुकता नहीं किया।
इस बीच अजय जडेजा, वेंकटेश प्रसाद, ऋषिकेश कानिटकर या जोगिंदर शर्मा ने बड़े मैचों में जीत के सू्त्रधार की भूमिका निभाई। नई दिल्ली से लेकर इस्लामाबाद तक और कराची से लेकर कोलकाता तक कोई भी क्रिकेट प्रेमी अपनी टीम को यह मैच हारते देखना नहीं चाहेगा। मैदान पर मौजूद 22 क्रिकेटरों के लिए यह क्रिकेट का महज एक मुकाबला है, लेकिन लाखों क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह उससे बढक़र है और पूर्व क्रिकेटरों.
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